लोकसभा चुनाव से पहले जबलपुर-ग्वालियर में भी लागू होगी पुलिस कमिश्नरी

ग्वालियर

मध्य प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने वाला है। जबलपुर और ग्वालियर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जाने वाली है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि भोपाल और इंदौर के बाद अब जबलपुर और ग्वालियर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। इसके लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। ज्ञात हो कि राज्य की राजधानी भोपाल के अलावा व्यापारिक नगरी इंदौर ऐसे शहर रहे हैं, जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। इन दोनों ही स्थान पर 21 नवंबर 2021 को कमिश्नर प्रणाली लागू की गई थी। अब दो और जिले इस व्यवस्था का हिस्सा बनने वाले हैं। इस तरह राज्य के चार ऐसे शहर हो जाएंगे, जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है।

मुख्यमंत्री डा. यादव ने भी पदभार ग्रहण करने के कुछ दिन बाद एक्‍स हैंडल पर पर पोस्ट में लिखा था कि ''मोदी जी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी। सुशासन एवं सुदृढ़ कानून व्यवस्था का है संकल्प। भोपाल एवं इंदौर के बाद अब जबलपुर और ग्वालियर में लागू होगी कमिश्नर प्रणाली।'' इसके बाद गृह विभाग ने भी मुख्यमंत्री की बात को दोहराते हुए एक्स पर पोस्ट किया है कि भोपाल और इंदौर के बाद अब ग्वालियर और जबलपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होगी।

एसपी को तैयारी के निर्देश

दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षकों को तैयारी शुरू करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने कहा है। अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद दोनों शहरों में व्यवस्था लागू हो जाएगी।

बता दें कि पुलिस आयुक्त व्यवस्था में पुलिस को भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के अधिकार मिल जाते हैं। वह अपराधियों के खिलाफ तत्काल दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है। मौजूद अधिकारियों के पदनाम भी आयुक्त व्यवस्था के अनुसार हो जाएंगे।
इंदौर-भोपाल में पहले से लागू व्‍यवस्‍था

बता दें कि महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को पुलिस आयुक्त बनाया जाता है। भोपाल और इंदौर में 21 नवंबर 2021 से यह व्यवस्था लागू है। अब ग्वालियर और जबलपुर शहर में इसे लागू करने के लिए सबसे बड़ा काम ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के थानों का परिसीमन होगा।

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