प्रमोशन में रिजर्वेशन, हरियाणा सरकार ग्रुप A और B पदों पर अनुसूचित जाति को देगी 20% आरक्षण

 चंडीगढ़

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति के लिए ग्रुप ए और बी पदों पर प्रोन्नति के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण नीति लागू करेगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य उच्च-स्तरीय सरकारी पदों पर सभी आरक्षित श्रेणियों के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि पहले आरक्षण ग्रुप सी और डी तक सीमित था। ग्रुप ए और बी पदों को बिना किसी आरक्षण के प्रावधान के छोड़ दिया गया था। अब इस आरक्षण व्यवस्था का कार्यान्वयन सुनश्चिति करने के लिए राज्य सरकार रोस्टर प्रणाली बनाने पर काम कर रही है। इस संबंध में एक हफ्ते में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नई आरक्षण प्रणाली पदोन्नति के सभी चरणों में आरक्षण का विस्तार करेगी। इससे सभी स्तरों पर सरकारी नौकरियों में आरक्षित समुदायों के लिए निरंतर समर्थन और प्रतिनिधत्वि सुनिश्चित होगा।

मंत्री संदीप सिंह के इस्तीफे की मांग को मुख्यमंत्री ने खारिज किया
हरियाणा विधानसभा में सोमवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच मंत्री संदीप सिंह के इस्तीफे की कांग्रेस सदस्यों की मांग को लेकर तनातनी दिखी। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के बाद विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने उनके इस्तीफे की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मांग को खारिज कर दिया। मनोहर लाल ने सदन में कहा, ‘मैंने निश्चय कर लिया है इस्तीफा नहीं मांगा जाएगा, बिल्कुल नहीं मांगा जाएगा। कोई इस्तीफा नहीं मांगा जाएगा।’ मुख्यमंत्री के इस बयान पर संदीप सिंह समेत भाजपा के विधायकों ने सदन में मेजें थपथपाईं।

मामला अदालत के विचाराधीन : विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा में शून्यकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक अपने स्थानों पर खड़े हो गए और सिंह के इस्तीफे की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के यह कहने के बावजूद कि मामला अदालत के विचाराधीन है और इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। कांग्रेस सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि संदीप सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर मुख्यमंत्री को उन्हें मंत्रिपरिषद से हटा देना चाहिए।

विपक्ष किसी को मजबूर नहीं कर सकता : मनोहर लाल
मनोहर लाल ने कहा कि इस मामले पर विपक्ष किसी को मजबूर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा,‘हम जानते हैं कि वे (विपक्ष) नैतिक आधार पर कहां खड़े हैं और हम कहां खड़े हैं। हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं।’ नेता प्रतिपक्ष ने सदन में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है। कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी इस पर आपत्ति जताई। हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि असंसदीय शब्दों की एक सूची है और यदि इस तरह के शब्द का उल्लेख किया गया है तो उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा।

अध्यक्ष ने निलंबित करने की चेतावनी दी
कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि संदीप सिंह का मामला अदालत में है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी अदालत में विचाराधीन मामले पर यहां चर्चा नहीं हो सकती।’ कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी भी की जिसका जवाब भाजपा के विधायकों ने भी नारेबाजी से दिया। सदन में हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर बैठ जाएं वरना उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button