साँची सोलर सिटी कम करेगी लगभग 1400 टन कार्बन उत्सर्जन

भोपाल

सम्राट अशोक द्वारा बनवाये गये प्रथम स्तूप से देश-विदेश में विख्यात भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित साँची शहर ने अब सौर ऊर्जा निर्माण में भी अपनी नई पहचान बनानी शुरू कर दी है। देश की पहली सोलर सिटी साँची में ग्रिड कनेक्टेड संयंत्र, रूफटॉप, सोलर घरेलू उपकरण, सौर संचालित सार्वजनिक सुविधाओं के संयंत्रों और ई-मोबिलिटी से सालाना 13 हजार 747 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी।

साँची में 8 मेगावॉट के ग्रिड कनेक्टेड संयंत्र स्थापित किये गये हैं। इनसे अनुमानित ऊर्जा उत्पादन 147.2 लाख यूनिट है। साल में इससे 6 करोड़ 3 लाख रूपये की बचत के साथ 12 हजार 656 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी। शहर के भवनों पर 235 किलोवॉट के रूफटॉप सिस्टम स्थापित किये गये हैं, जिनसे 5 लाख यूनिट से अधिक ऊर्जा उत्पादन होगा और सालाना 22 लाख 65 हजार रूपये और 438 टन कार्बन उत्सर्जन की बचत होगी। घरेलू उपकरण- सोलर स्टडी लेम्प, लालटेन, स्टेण्ड-लेम्प से 11 टन, ऊर्जा दक्ष उपकरण जैसे- एलईडी बल्ब, ट्यूबलाइट और बीएलडीसी सीलिंग फेन से 452 टन, सार्वजनिक सुविधाओं के लिये स्थापित किये गये 54.45 किलोवॉट के सौर संयंत्रों से 171 टन और ई-मोबिलिटी से 19 टन कार्बन की कमी होगी। यह कमी पर्यावरण संरक्षण के साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिये भी हितकर होगी। इन सबसे लगभग 160 लाख यूनिट ऊर्जा के साथ 7 करोड़ 18 लाख रूपये की बचत होगी।

 

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