एकात्म धाम का शंकर संग्रहालय होगा प्रमुख आकर्षण का केंद्र

भोपाल

सनातन धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत और अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता 'आचार्य शंकर' के जीवन एवं दर्शन को समर्पित "एकात्म धाम" का निर्माण ओंकारेश्वर, खंडवा में किया जा रहा है। आचार्य शंकर के दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य से ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। अद्वैत लोक के शंकर संग्रहालय में अद्वैत वेदांत दर्शन के विभिन्न मूल्यों से परिचय कराने के लिये नवीन तकनीकी आधारित प्रकल्प विकसित किए गए हैं। शंकर संग्रहालय, एकात्म धाम का प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा।

शंकर संग्रहालय में 500 लोगों की बैठक व्यवस्था वाला हाई स्क्रीन थिएटर होगा। जिसमें आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन पर आधारित फीचर फिल्म "शंकर" का प्रदर्शन होगा। संग्रहालय में वेदांत व्याख्या के लिए "सृष्टि" गैलरी विकसित की जाएगी। संग्रहालय के यंत्र प्रांगण में प्रत्येक दिवस लेजर, लाइट, वाटर एंड साउंड शो का प्रदर्शन किया जाएगा। 3D होलोग्राम और अन्य आधुनिक तकनीकी के माध्यम से ब्रह्मा, सृष्टि, माया, जीव एवं जगत आदि सिद्धांतों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। शो के दौरान प्रतिमा, पेडेस्टल, हंसद्वार, यंत्र, ओम स्तंभ और शिखर पर प्रोजेक्शन मेपिंग भी की जाएगी। संग्रहालय के विशेष कक्ष में डायोरामा के माध्यम से आचार्य शंकर के जीवन पर आधारित 5 से 7 मिनट की दृश्यवलियाँ प्रस्तुत की जायेंगी।

निदिध्यासन केंद्र और नर्मदा विहार

ध्यान कें केंद्र के रूप में शंकर संग्रहालय में निदिध्यासन केंद्र स्थापित किया जाएगा। 300 व्यक्तियों की क्षमता वाले इस केंद्र का मुख्य विचार बिंदु अहम् ब्रह्मास्मि रहेगा।

इस केंद्र की मुख्य गतिविधियाँ ध्यान, श्रवण, मनन और निदिध्यासन आदि के विचार पद्धति पर आधारित होगी। पर्यटकों के विशेष आकर्षण के रूप में शंकर संग्रहालय के निचले तल पर नर्मदा विहार निर्मित किया जाएगा। इसमें स्वचालित नौकाओं के माध्यम से पर्यटक नौका विहार कर सकेंगे।

कला वीथिका और शंकर स्तम्भ

आचार्य शंकर के जीवन, दर्शन तथा रचनाओं पर आधारित विभिन्न शैलियों यथा केरल म्यूरल, पट्टचित्र, कांगड़ा, मधुबनी, समकालीन विभिन्न शैलियों में देश के विख्यात चित्रकारों से चित्र बनवाये जा रहे हैं, जिनका प्रदर्शन कला वीथिका में किया जाएगा। एकात्मता की मूर्ति के नीचे मुख्य भवन में विशाल शंकर स्तम्भ होगा। शंकर स्तम्भ 45 फीट ऊँचा और इसका व्यास लगभग 100 फीट होगा। शंकर स्तंभ पर आदि शंकराचार्य के जीवन की 32 घटनाओं को प्रदर्शित किया जायेगा।

अन्नपूर्णा भोजनालय

अन्नपूर्णा भोजनालय, संग्रहालय के पूर्व में स्थित होगा, जिसमें 300 से 500 लोगों की बैठक व्यवस्था भवन के भीतर तथा 700-1000 लोगों के लिए बैठक व्यवस्था बाहर होगी। बैठक व्यवस्था पारम्परिक एवं आधुनिक दोनों शैली में होगी। अन्नपूर्णा में पधारने वाले सभी आगंतुकों के लिए विशेष व्यंजन “अद्वैतभोग” की भी व्यवस्था होगी जो सभी के लिये उचित दाम पर उपलब्ध होगा। मध्यप्रदेश के मुख्य व्यंजनों के साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विशेष व्यंजन भी उपलब्ध होंगे।

अद्वैत कलाग्राम और पंचायतन मन्दिर

मध्यप्रदेश एवं भारतवर्ष की समस्त लोक एवं क्षेत्रीय शिल्पों के प्रदर्शन और विक्रय के लिए अद्वैत कलाग्राम विकसित किया जा रहा है। कलाग्राम में दुकानों की वास्तुशैली पारम्परिक मन्दिर वास्तुशिल्प आधारित होगी। परिसर के बीच खुले स्थान पर कलाकारों द्वारा शिल्प कलाओं का लाइव डेमोंस्ट्रेशन किया जाएगा। आचार्य शंकर द्वारा पुनर्स्थापित पंचायतन पूजा पद्धति पर पंचायतन मन्दिर का निर्माण हो रहा है। मंदिर का निर्माण नागर शैली पर सम्पूर्णतः पत्थर से किया जाएगा। यहाँ पर नित्य पूजा अभिषेक होंगे तथा भक्त भी पूजा अभिषेक कर पायेंगे। बच्चों के विद्यारम्भ, उपनयन इत्यादि संस्कार के लिये व्यवस्था होगी।

 

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