PM बोले – शिवराज सरकार बधाई की पात्र, 3 साल में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती की, CM ने नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे

भोपाल

नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम भेल स्थित सीएम राइज शासकीय महात्मा गांधी उमावि में प्रारंभ हो गया है । इसमें सत्र 2023-24 में नवनियुक्त पांच हजार 580 शिक्षकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नियुक्ति पत्र सौपें।

इस दौरान मुख्यमंत्री नवनियुक्त शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर अध्यापन में उत्कृष्टता एवं शिक्षा में नवीन आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित भी क‍िया। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह एवं स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में वचुअल रुप से मौजूद रहे

मध्यप्रदेश रोजगार मेले को वर्चुअल संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा, 'मैं मध्यप्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने वाले 5.5 हजार से ज्यादा शिक्षकों को बधाई देता हूं। मुझे बताया गया कि पिछले 3 साल में MP में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है। इसके लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।'

PM ने कहा, 'मातृभाषा में पढ़ाई को लेकर बहुत बड़ा काम हुआ है। अंग्रेजी न जानने वाले छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई न कराकर, एक तरह से उनके साथ अन्याय किया गया था। यह सामाजिक न्याय के विरुद्ध था। हमारी सरकार ने इस अन्याय को दूर कर दिया है। अब सिलेबस में क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों पर बल दिया गया है। देश की शिक्षा व्यवस्था में यह बहुत बड़े बदलाव का आधार बनेगा।'

2014 से पहले गरीबों को लूटा जाता था

PM मोदी ने कहा, 'नीति आयोग की रिपोर्ट है कि 5 साल के अंदर भारत में 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। इस साल फाइल होने वाली इनकम टैक्स रिटर्न संख्या भी दूसरा महत्वपूर्ण संकेत दे रही है। पिछले 9 साल में लोगों की औसत आय में बढ़त हुई है। ITR के आंकड़ों के मुताबिक 2014 में औसत आय 4 लाख रुपए थी, जो 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपए हो गई है। लोअर इनकम ग्रुप से अपर इनकम ग्रुप में जाने वालों की संख्या भी बढ़ी है।

2014 से पहले जो अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें नंबर पर थी, वो आज 5वें नंबर पर पहुंच गई है। देश का नागरिक वो दिन भूल नहीं सकता, जब 2014 से पहले घोटालों और भ्रष्टाचार का दौर था। गरीब का हक लूट लिया जाता था। आज गरीब के हक का पूरा पैसा सीधे उसके खाते में पहुंच रहा है।'

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