दिव्यांग मोहन सिंह को उत्कृष्ट कर्तव्यनिष्ठा के लिए दिया गया राज्यस्तरीय स्व. देवी प्रसाद शर्मा 2020-21 पुरुस्कार

शारीरिक दिव्यांगता के बावजूद समर्पित भाव के साथ प्रतिबद्ध कर्तव्यनिष्ठा, सभी के लिए प्रेरणा : राज्य मंत्री परमार

भोपाल

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने आज मंत्रालय में उत्कृष्ट कर्तव्यनिष्ठा के लिए सहकारिता विभाग, मंत्रालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मोहन सिंह को "स्व. देवी प्रसाद शर्मा 2020-21 पुरुस्कार" दिया। मोहन सिंह को उनकी शारीरिक दिव्यांगता के बावजूद समर्पित भाव के साथ समयबद्ध एवं प्रतिबद्ध कर्तव्यनिष्ठा के लिए वर्ष 2020-21 का यह पुरुस्कार दिया गया। उन्हें पुरुस्कार स्वरूप एक लाख रुपए राशि का चेक एवं प्रमाण-पत्र भी दिया गया।

राज्य मंत्री परमार ने मोहन सिंह को शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। परमार ने कहा कि मोहन सिंह ने शारीरिक कमजोरी का कर्तव्य पर प्रभाव न पड़ने का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया है। उनकी समर्पण भाव से निरंतर कार्य करने की यह निष्ठा, सभी के प्रेरणा का कार्य करेगी। परमार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को "स्व. देवी प्रसाद शर्मा पुरुस्कार" के सृजन लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा यह पुरुस्कार कि मुख्यमंत्री चौहान की संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण है। अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार, शिव चौबे एवं रमेशचंद्र शर्मा सहित मंत्रालयीन अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान द्वारा स्वर्गीय देवी प्रसाद शर्मा की स्मृति में की गई पुरस्कार की घोषणा के अनुपालन में राज्य शासन द्वारा प्रदेश के शासकीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उत्तम कार्यों के लिए "स्व. देवी प्रसाद शर्मा" पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2017 से की गई है। इस पुरस्कार का उद्देश्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उत्तम कार्य के लिए प्रोत्साहित करना है। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों में कार्य के प्रति लगनशीलता, समय की पाबंदी, आचरण, व्यवहार, आज्ञाकारिता, कार्यालय में उपस्थिति, अतिरिक्त कार्य लेने के प्रति तत्परता, सौंपे गए कार्य को करने की समझ और योग्यता, स्वच्छता एवं साफ-सफाई के लिये किए गए उत्तम कार्यों के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार दिए जाने वाले वर्ष के ठीक पूर्व के वित्तीय वर्ष में किए गए कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार राज्य स्तरीय है और इसके अंतर्गत एक लाख रुपए की राशि एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।

 

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