सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश, दिल्ली के बाद अब हरियाणा और यूपी में पटाखों की बिक्री पर बैन

नई दिल्ली
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एनसीआर में आने वाले यूपी और हरियाणा में भी पटाखों की बिक्री पर बैन लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अगले आदेश तक दोनों राज्यों में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। दरअसल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के साथ-साथ अन्य शहरों में भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राजधानी में पूरे साल पटाखों के स्टॉक और बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इसका असर तभी होगा, जब NCR के दूसरे शहरों में भी ऐसी ही रोक हो। इसलिए यूपी और हरियाणा भी ऐसा करें।

राजस्थान ने भी लगाया है प्रतिबंध: कोर्ट
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा, 'हमारा मानना ​​है कि यह प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा, जब एनसीआर क्षेत्र का हिस्सा बनने वाले अन्य राज्य भी इसी तरह के उपाय लागू करेंगे। यहां तक ​​कि राजस्थान राज्य ने भी राजस्थान के उस हिस्से में इसी तरह का प्रतिबंध लगाया है, जो एनसीआर क्षेत्रों में आता है। फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों को उसी तरह का प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हैं, जैसा कि दिल्ली राज्य ने 19 दिसंबर 2024 के आदेश के तहत लगाया है।'

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण से निपटने के उपायों की समीक्षा की। सुनवाई के दौराम पटाखों पर साल भर के प्रतिबंध, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया।

राज्यों को टीमें गठित करने का निर्देश
इसके अलावा प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए देश के सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले राज्यों को आदेश दिया कि वे सभी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) के तहत प्रदूषण से बचने वाले उपायों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके क्रियान्वयन के लिए विभिन्न अधिकारियों की टीमें गठित की जानी चाहिए। इन राज्यों में एनसीआर क्षेत्र में आने वाले यूपी और हरियाणा शामिल हैं। पीठ ने निर्देश देते हुए कहा कि हम एनसीआर राज्यों को GARP- IV उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए पुलिस, राजस्व अधिकारियों की टीमों का गठन करने का निर्देश देते हैं। हम यह कहते हैं कि इस टीम में बनाए गए सदस्य इस न्यायालय के अधिकारी के रूप में काम करेंगे।

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