प्रदेश की एकीकृत टाउनशिप नीति से शहरों का होगा नियोजित विकास

भोपाल
प्रदेश में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की एकीकृत टाउनशिप नीति-2025 को मंजूरी दी गई है। नवीन नीति से प्रदेश में रियल एस्‍टेट विकास में निजी निवेश को प्रोत्साहित किये जाने के ठोस प्रयास किये जायेंगे। नीति के जरिये प्रदेश में किफायती आवास की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। नई टाउनशिप नीति से राज्य की सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता को पूरा किया जायेगा। प्रदेश में लैंड पूलिंग के माध्यम से सार्वजनिक और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जायेगा।

नई टाउनशिप नीति से प्रदेश को मिलेगा लाभ
विभाग द्वारा हाल ही में तैयार की गयी एकीकृत टाउनशिप नीति से रियल एस्टेट के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में अब भूमि मालिक लैंड पूलिंग से एक साथ आकर एकीकृत टाउनशिप विकसित कर सकेंगे। इससे राज्य में निवेश के अधिक अवसर बढ़ेंगे और राज्य की अधोसंरचना सुविधाओं में तेजी से विकास होगा। नीति में वर्क सेंटर, जिसके अंतर्गत वाणिज्यिक, कार्यालय, बाजार, आईटी, शैक्षिक, स्वास्थ्य सेवाएँ, मनोरंजन आधारित गतिविधियाँ आदि के प्रावधान रखे गये हैं। इन सबके बढ़ने से राज्य की जीडीपी में वृद्धि होगी। वर्तमान में डेवलपर द्वारा छोटी-छोटी भूमियों पर कॉलोनियों का विकास किया जा रहा है, जिसके कारण नगर स्तर की अधोसंरचनाएँ विकसित नहीं हो पा रही हैं। तैयार की गयी नई नीति में ऐसे प्रावधान रखे गये हैं, जिससे शहर में सामाजिक एवं भौतिक अधोसंरचना का विकास हो सकेगा। नागरिकों की सुविधा के लिये कुल क्षेत्रफल का 10 प्रतिशत पार्क और खुले स्थान का प्रावधान है, जिससे शहर में हरित क्षेत्र का विकास होगा। एकीकृत टाउनशिप नीति में कमजोर एवं निम्न आय वर्ग के लिये कुल आवासीय इकाइयों का न्यूनतम 15 प्रतिशत का प्रावधान रखा गया है। इस प्रावधान से राज्य के कमजोर एवं निम्न आय वर्ग की आवास की जरूरत पूरी होगी।

नीति के क्रियान्वयन के लिये साधिकार समिति
एकीकृत टाउनशिप नीति के क्रियान्वयन के लिये 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर के लिये प्रमुख सचिव शहरी विकास और आवास की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है। ऐसे जिले जहाँ 5 लाख से कम आबादी वाले शहर हैं, वहाँ कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है। समिति में नगर तथा ग्राम निवेश, शहरी निकाय के आयुक्त, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।

टाउनशिप परियोजनाओं के लिये प्रोत्साहन
नई नीति में निवेशकों को लैंड प्रोक्योरमेंट में सुविधा, सरकारी भूमि का कंट्रीब्यूशन, टीडीआर का लाभ और उच्चतम सीमा के लाभ का प्रावधान रखा गया है। नई नीति के जरिये कालोनी नियमों में रिलैक्सेशन, विकास योजना के भू-उपयोग में उपांतरण का प्रावधान रखा गया है। ईडब्ल्यूएस, एलआईजी किफायती आवास के अतिरिक्त विकास पर अधिकतम 30 प्रतिशत और सामान्य आवास इकाइयों तक अतिरिक्त ईडब्ल्यू, एलआईजी अफोर्डेबल आवास के विकास पर प्रोत्साहन के रूप में अतिरिक्त एफएआर प्रदान किया जायेगा। आवासीय कॉलोनियों में ऊर्जा के गैर परम्परागत उपयोग को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन के रूप में डेवलपर को अतिरिक्त एफएआर प्रदान किया जायेगा। नीति में नोडल एजेंसी डेवलपर को 60 दिनों में संबंधित विभागों से मंजूरी और अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने में सुविधा प्रदान करने की शर्त रखी गयी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button