निलंबन मामले पर विशेषाधिकार समिति ने किया विचार, अधीर रंजन को अगली बैठक में बुलाए जाने की संभावना

नई दिल्ली
 संसद की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की लोकसभा में की गई कुछ टिप्पणियों एवं आचरण को लेकर उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित करने के मामले पर को विचार किया और अब उन्हें इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 30 अगस्त को अगली बैठक में बुलाए जाने की संभावना है।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में एक आम राय बनी कि स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत उन्हें (अधीर रंजन चौधरी) अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। एक सदस्य ने यह विचार भी व्यक्त किया कि सत्र की (मानसून) शेष अवधि के लिए निलंबित करके सदस्य को पहले ही दंडित किया जा चुका है और ऐसे में दोबारा दंड देने का कोई औचित्य नहीं है।

बैठक में समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद सुनील सिंह के अलावा कांग्रेस के के. सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, द्रमुक के टी. आर. बालू, भाजपा के जनार्द्धन सिंह सिग्रीवाल, राजू बिष्ट, दिलीप घोष, राजीव प्रताप रूड़ी आदि शामिल हुए।

हाल ही में संपन्न संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण उन्हें 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी थी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे।

प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे।

कांग्रेस ने चौधरी को निलंबित किए जाने को 'अलोकतांत्रिक' और 'निरंकुश' कदम करार दिया था। वहीं, चौधरी ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया, बल्कि उदाहरण के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया था।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button