बारिश ने नगर निगम की खोली पोल, किया था 80 % नालों की सफाई का दावा
भोपाल
राजधानी में सफाई व्यवस्था की जमीनी हकीकत परखने के लिए दिल्ली से स्वच्छता सर्वे की टीम जल्द ही आने की उम्मीद है। इधर, शहर में सफाई व्यवस्था अभी तक बेहतर नहीं हो सकी है। एक जुलाई से सिटीजन फीडबैक का सिलसिला भी शुरू हो चुका है, आम लोग सोशल मीडिया पर मोहल्ले, कॉलोनियों और बस्तियों में गंदगी और चोक पड़े नालों की तस्वीरें पोस्ट कर सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
शहर में छोटे-बड़े मिलकर कुल 789 नाले हैं। नगर निगम का दावा है कि 80 फीसदी नालों की सफाई करा दी गई है, लेकिन हाल ही में हुई बारिश ने इसकी पोल खोल दी। नाले ओवरफ्लो होने के कारण अल्पना टॉकीज चौराहा, भोपाल टॉकीज, चुना भट्टी आदि क्षेत्रों में सड़क पर पानी भर गया था। निचली बस्तियों में पानी भरने से हालत बिगड़ गए थे। चूंकि सर्वे टीम के जल्द ही आने की उम्मीद है, ऐसे में बाकी 20 प्रतिशत नालों की सफाई मुश्किल नजर आ रही है। निगम के सामने यह भी चुनौती है कि इसी अवधि में उसे सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और कचरा सेग्रीगेशन को भी बेहतर बनाना है।
एक सप्ताह से सड़क पर पड़ी है पेड़ की कटी हुई शाखाएं
राजधानी की सबसे ज्यादा चलने वाली सड़क में से एक शाहपुरा से बिट्ठल मार्केट जाने वाले मुख्य मार्ग पर बीते एक सप्ताह से पेड़ों की कटी हुई डालियां (शाखाएं) सड़क पर पड़ी हैं। दरअसल, बिजली कंपनी ने बिजली लाइनों के आसपास आ रहे पेड़ की शाखाओं को कुछ दिनों पहले काटा था। इसके बाद न तो बिजली कंपनी ने इन शाखाओं को वहां से हटाया और न शाहपुरा क्षेत्र में साफ सफाई का काम देख रहे नगर निगम प्रशासन के कर्मचारियों ने इस ओर ध्यान दिया। हालात यह है पेड़ की शाखाएं सड़क पर पड़े-पड़े सूख गई हैं और उनके पत्ते सड़क पर बिखर रहे हैं।
नगर निगम भोपाल स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की तैयारी पूरी कर चुका है। नालों की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है। डोर टू डोर कचरा भी नियमित उठ रहा है।
एमपी सिंह, अपर आयुक्त, बीएमसी