₹74200 करोड़ के साम्राज्य की जंग खत्म… दिग्गज कारोबारी परिवार ने सुलझाए सारे विवाद

नई दिल्ली

दक्षिण भारत के चर्चित कारोबारी मुरुगप्पा समूह के प्रवर्तक मुरुगप्पा परिवार ने करीब 6 साल से चल रहे पारिवारिक विवाद को सुलझा लिया है। इसी के साथ समूह के मालिक एमवी मुरुगप्पन की मृत्यु के बाद पैदा हुई कानूनी जंग भी थम गई है। समूह की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया- दिवंगत एमवी मुरुगप्‍पन की पारिवारिक शाखा सदस्‍य आपसी विवादों और मतभेदों को सुलझाने पर सहमत हुए हैं। इस सुलह में वल्ली अरुणाचलम और वेल्लाची मुरुगप्पन के अलावा परिवार के बाकी सदस्य भी शामिल हैं। हालांकि, समझौते की शर्तें गोपनीय हैं। बता दें कि एमवी मुरुगप्पन का 19 सितंबर, 2017 को निधन हो गया था।

विवाद की वजह: अमेरिका में रहने वाली एमवी मुरुगप्पन की सबसे बड़ी बेटी वल्ली अरुणाचलम ने परिवार की हिस्सेदारी के आधार पर समूह की होल्डिंग कंपनी की बोर्ड में जगह की मांग की थी। मुरुगप्पा परिवार के अन्य सदस्यों ने उनकी मांग खारिज कर दी। इसी के बाद कानूनी जंग शुरू हुई थी।

समूह के बारे में: समूह में 11 सूचीबद्ध संस्थाएं हैं, जिनमें कार्बोरंडम यूनिवर्सल लिमिटेड, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड, कोरोमंडल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड, ईआईडी पैरी (इंडिया) लिमिटेड और ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया लिमिटेड शामिल हैं।

यह समूह 74,200 करोड़ रुपये का है। यह समूह वर्तमान में दुनिया भर के अलग-अलग बाजारों में 29 व्यवसाय संचालित करता है। इसकी 40 देशों में उपस्थिति है और इसमें 73,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इस समूह का व्यवसाय कृषि, इंजीनियरिंग और वित्तीय सेवाओं से लेकर चाय, रबर, निर्माण, पॉलिमर कपड़े, कपड़ा और यात्रा समाधान जैसे अन्य व्यवसायों तक फैला हुआ है।

 

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