अनूठा विरोध : गणेश पंडाल में डोर मेट के रूप में लगाया उदयनिधि स्टालिन का फोटो, श्रद्धालु पोछ रहे पैर

उज्जैन

उज्जैन के एक गणेश पंडाल में इन दिनों तमिलनाडु सरकार मे मंत्री उदयनिधि स्टालिन का अनूठे तरीके से विरोध किया जा रहा है। जिसमें उनके फोटो को पैर पोछ के रूप में मंदिर के पंडाल के प्रवेश द्वार पर लगाया गया है, जिससे कि सनातन धर्म को लेकर गलत बयानबाजी करने वाले स्टालिन के चित्र से पैर पोछकर ही श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करें।

गुदरी चौराहा पर शिप्रा नवयुवक मंडल सर्व हिंदू समाज द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भगवान श्री गणेश की स्थापना की गई है। मंडल द्वारा इस वर्ष 25 फीट की गणेश प्रतिमा पंडाल में विराजमान की गई है, जो कि मिट्टी की बनी हुई है। मंडल के द्वारा आयोजन का यह 35वां वर्ष है। जहां श्री गणेश की प्रतिमा में श्रीनाथजी, श्री विट्ठल देव जी और तिरुपति बालाजी के साथ ही चांदी के चरण भक्तों को अपनी और आकर्षित कर रहे हैं।

इस प्रतिमा के साथ ही पंडाल में एक प्रमुख बात यह भी नजर आ रही है कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के फोटो को पैर पोछ के रूप में उपयोग किया जा रहा है। शिप्रा नवयुवक मंडल सर्व हिंदू समाज के रितेश महेश्वरी ने बताया कि उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया मानते हैं और इसे खत्म करने की बात करते हैं। इस बात का हम पुरजोर विरोध करते हैं और इसीलिए हमने गणेश पंडाल के प्रवेश और निर्गम द्वार पर उदयनिधि स्टालिन के फोटो को पैर पोछ के रूप में लगाया है।

सनातन धर्म को बताया था डेंगू मलेरिया
बता दें, तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कुछ दिनों पहले बयान दिया था कि जिस तरह डेंगू, मलेरिया का विरोध करना ठीक नहीं रहता बल्कि उसे खत्म कर देना चाहिए। इस तरह सनातन धर्म का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि उसे खत्म कर देना चाहिए। ज्ञात रहे कि इस बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्टालिन को नोटिस भी जारी किया था।

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