हमें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए फॉर्म में चल रहे रहाणे जैसे खिलाड़ी की जरूरत: राठौड़

रोसेयु
बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ का मानना है कि आश्वस्त होकर खेलना अजिंक्य रहाणे की वापसी का अहम पहलू रहा है और भारतीय टीम को उम्मीद है कि वह इस साल होने वाले दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान अपनी फॉर्म बरकरार रखेंगे।

पिछले महीने लंदन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में भारत की हार के दौरान रहाणे की 89 और 46 रन की पारियां भारत के लिए एकमात्र सकारात्मक पक्ष रहा। यह रहाणे का 18 महीने में पहला टेस्ट था और इसके बाद उन्हें वेस्टइंडीज के मौजूदा दौरे के लिए उप कप्तान नियुक्त किया गया। यह 35 वर्षीय बल्लेबाज हालांकि यहां पहले टेस्ट में सस्ते में आउट हो गया और पोर्ट ऑफ स्पेन में 20 जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में इसकी भरपाई करने की कोशिश करेगा।

रहाणे की वापसी पर राठौड़ ने कहा, ''वह डब्ल्यूटीसी फाइनल में काफी अच्छा खेला। वह हमेशा से अच्छा खिलाड़ी रहा है। उसे खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर किया गया था। जब बात तकनीक की आती है तो आप लगातार इस पर काम करते हो लेकिन मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि उसका रवैया काफी शांत था।'' उन्होंने कहा, ''वह देर से और शरीर के करीब शॉट खेल रहा है। वापसी के बाद से यह सबसे महत्वपूर्ण चीज रही है। वह नेट पर अब भी इसी तरह बल्लेबाजी कर रहा है। हमें उम्मीद है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेगा। दक्षिण अफ्रीका के हालात में आपको जरूरत है कि उसकी तरह का कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करे।''

भारत अपनी अगली टेस्ट श्रृंखला दिसंबर-जनवरी में दक्षिण अफ्रीका में खेलेगा। राठौड़ अपने पहले टेस्ट में युवा यशस्वी जायसवाल के प्रदर्शन से बेहद प्रभावित दिखे। जायसवाल ने 171 रन की पारी खेलकर भारत की जीत की नींव रखी। उन्होंने कहा, ''मैं पहले चयनकर्ता भी रह चुका हूं इसलिए जब भी आप किसी खिलाड़ी को चुनें तो आपको उसे इस इरादे से चुनना चाहिए कि वह अगले 10 वर्षों तक भारत के लिए खेलेगा। उसमें निश्चित रूप से क्षमता है।''

राठौड़ ने कहा, ''हालांकि मैंने यशस्वी के साथ पहले काम नहीं किया है। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि मैंने उसे आईपीएल में रन बनाते हुए देखा था। आपने देखा होगा कि वह कितना गतिशील बल्लेबाज है। वह किस तरह का स्ट्रोक खेलने वाला खिलाड़ी है। लेकिन वह टीम की स्थिति के अनुसार खेल को बदलने में भी सफल रहा।''

भारत के बल्लेबाजी कोच ने कहा, ''दूसरे दिन उसने लंच से पहले 90 गेंदों पर लगभग 20 रन बनाए। मुझे लगता है कि मेरे लिए यह पारी का मुख्य आकर्षण था। कोई ऐसा व्यक्ति जो ऐसा करने में सक्षम है, जो अपने चरित्र, अपने सामान्य खेल के विपरीत खेल सकता है, उस चरण से निकलना और फिर रन बनाना, यह देखना शानदार था।''

तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का फैसला करने के बाद शुभमन गिल पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। लेकिन राठौड़ ने कहा कि गिल को अपने नए बल्लेबाजी क्रम में खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

उन्होंने कहा, ''उसमें बहुत क्षमता है और वह अन्य प्रारूपों में भी उस क्षमता तक पहुंचा है। उसने टेस्ट क्रिकेट में भी रन बनाए हैं। कभी-कभी किसी विशिष्ट प्रारूप में थोड़ा समय लग सकता है और वह समय ले रहा है। उसके पास वह समय है।''

राठौड़ ने कहा, ''वह समय ले रहा है लेकिन अच्छी बात यह है कि उसकी मेहनत में कोई कमी नहीं है। वह चीजों पर काम कर रहा है। क्षमता के साथ-साथ उसके पास धैर्य भी है जो किसी को बड़ा खिलाड़ी बनाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह लंबे समय तक तीनों प्रारूप में खेलेगा।''

गिल और जायसवाल में तीनों प्रारूपों में लंबे समय तक चलने वाला करियर बनाने की क्षमता : विक्रम राठौर

नई दिल्ली
 भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर का मानना है कि शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल दोनों में तीनों प्रारूपों में लंबे समय तक चलने वाला करियर बनाने की क्षमता है।

हालांकि 23 वर्षीय गिल ने अपने करियर में अब तक दो शतक बनाए हैं और उनका औसत 32 से कम है। राठौर ने जोर देकर कहा कि वह भारतीय बल्लेबाजी का भविष्य होंगे क्योंकि वह कड़ी मेहनत और धैर्य का मिश्रण करने में सक्षम हैं। जो एक महान खिलाड़ी की पहचान है।

राठौर ने आयोजित एक वर्चुअल प्रेसवार्ता में कहा, गिल में बहुत क्षमता है, और वह अन्य प्रारूपों में भी उस क्षमता तक पहुंचे हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी रन बनाए हैं। कभी-कभी किसी विशेष प्रारूप में थोड़ा समय लग सकता है, और वह वह समय ले रहे हैं, लेकिन उनके पास वह समय है। उनके पास जो क्षमता है, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह बल्लेबाजी में भारतीय टीम का भविष्य हैं। वह तीनों प्रारूपों में लंबे समय तक भारतीय टीम के लिए खेलेंगे।

उन्होंने कहा, वह कुछ समय ले रहे हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि उनकी मेहनत में कोई कमी नहीं है, वह चीजों पर काम कर रहे हैं। उनमें क्षमता के साथ-साथ धैर्य भी है, जो किसी को बड़ा खिलाड़ी बनाता है। फिर, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह लंबे समय तक तीनों फॉर्मेट में खेलेंगे।

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट से पहले, जिसे भारत ने तीन दिनों के भीतर जीत लिया था, गिल ने टीम प्रबंधन के साथ चर्चा की थी, और उनसे उन्हें नंबर 3 पर खिलाने के लिए कहा था – यह स्थान चेतेश्वर पुजारा का था और उससे पहले कोच राहुल द्रविड़ अपने समय में तीसरे नंबर पर टीम इंडिया के लिए बल्लेबाजी करते थे। द्रविड़ और पुजारा दोनों अपनी दृढ़ बल्लेबाजी से गेंदबाजों को थका देने की क्षमता के लिए जाने जाते थे, राठौड़ ने कहा कि गिल ऐसे व्यक्ति हैं जो टीम की मांग के अनुसार रक्षा और आक्रमण की दोहरी भूमिका निभा सकते हैं।

उन्होने कहा,टीम में तीन सलामी बल्लेबाज हैं, इसलिए किसी एक को नंबर 3 पर जाना था। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह खुद शुभमन आगे आये, उन्होंने कहा कि 'मैं नंबर 3 पर जाना पसंद करूंगा'। उनका तर्क यह है कि जब भी उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला है उन्होंने नंबर 3 या 4 पर खेला है। उन्हें लगता है कि लंबे प्रारूपों में उनकी सही स्थिति यही है। इसलिए हम सभी उस निर्णय से खुश थे। उस चर्चा के बाद, राहुल [द्रविड़और रोहित [शर्मा] ने फैसला किया कि उनके लिए नंबर 3 पर खेलना बेहतर होगा।

वहीं, जायसवाल ने जिस तरह से टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले ही मैच में 171 रनों की जोरदार पारी खेली, उससे राठौर विशेष रूप से प्रभावित हुए, खासकर एक प्रभावशाली आईपीएल सीजन की पृष्ठभूमि में, जहां उनके स्ट्रोक-प्ले और स्ट्राइक-रेट ने धूम मचा दी थी।

उन्होंने कहा,मैं पहले भी चयनकर्ता रह चुका हूं, इसलिए जब भी आप किसी खिलाड़ी को चुनें तो आपको उसे इस इरादे से चुनना चाहिए कि वह अगले 10 वर्षों तक भारत के लिए खेलेगा। उसमें निश्चित रूप से क्षमता है। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि मैंने पहले यशस्वी के साथ काम नहीं किया है, मैंने उन्हें आईपीएल में रन बनाते हुए देखा था, आपने देखा होगा कि वह कितने गतिशील बल्लेबाज हैं, वह किस तरह के स्ट्रोक-खिलाड़ी हैं। लेकिन वह टीम की स्थिति के अनुसार खेल को बदलने में कामयाब रहे हैं।

राठौर ने कहा, दूसरे दिन उन्होंने लंच से पहले 90 गेंदों पर लगभग 20 रन बनाए। मुझे लगता है कि मेरे लिए यह पारी का मुख्य आकर्षण था। कोई ऐसा व्यक्ति जो ऐसा करने में सक्षम है, जो अपने चरित्र, अपने सामान्य खेल के विपरीत खेल सकता है, यह देखना अद्भुत था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके पास तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम के लिए खेलने की क्षमता है। उनका शानदार भविष्य है।

 

 

 

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