CM सिद्धारमैया को भाजपा ने Nobel Peace Price देने की बात क्यों कही?

कर्नाटक

CM बन चुके हैं। 34 साल बाद मिले प्रचंड बहुमत के बावजूद कांग्रेस कथित तौर पर आंतरिक टकराव से जूझ रही है। अब एक भाजपा नेता ने दावा किया है कि सिद्धारमैया की सरकार एक साल से अधिक समय नहीं चल सकेगी। कांग्रेस में कई दौर की बैठकों और कड़ी मशक्कत के बाद वीवीआईपी मेहमानों की मौजूदगी में सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार समेत 8 मंत्रियों की शपथ ग्रहण शनिवार को हुई। इसके बाद कई लोगों के रिएक्शंस सामने आए हैं।

बयान देने वाले लोगों में भाजपा तमिलनाडु के अध्यक्ष के अन्नामलाई भी शामिल हैं। इन्होंने कहा, "मैं कर्नाटक सरकार को अब से एक साल बाद ताश के पत्तों की तरह ढहते हुए देख रहा हूं। अगर डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया 2024 तक नहीं लड़ते हैं, तो दोनों को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाना चाहिए।" कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए अन्नामलाई ने कहा, संविधान के मुताबिक कैबिनेट का मुखिया मुख्यमंत्री होता है।

 जवाबदेही गवर्नर के प्रति होती है। हालांकि, कांग्रेस ने ढाई साल के लिए एक सीएम, फि दूसरे मुख्यमंत्री का फॉर्मूला बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में अगर दो सीएम, 30 मंत्री और कांग्रेस समिति (AICC) मिलकर सरकार चलाएगी तो टकराव लाजमी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं ऐसा सिस्टम नहीं है जिसमें तीन पावर सेंटर हों, ए सीएम, दूसरा, आधी बची हुई अवधि का मुख्यमंत्री और तीसरा कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे।
 

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