जांजगीर-चांपा सीट पर नारायण चंदेल चौथी बार मारेंगे बाजी?

जांजगीर चांपा.

छत्तीसगढ़ के बीचो-बीच स्थित जांजगीर-चांपा को प्रदेश का हृदय स्थल कहा जाता है। कोसा, कांसा और कंचन की नगरी जांजगीर चांपा विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण दिलचस्प देखने को मिलते हैं। जांजगीर चांपा जिले में तीन विधानसभा सीट अकलतरा,जांजगीर चांपा,पामगढ़ है। पामगढ़ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। बाकी दोनों सीट सामान्य के लिए सुरक्षित है। विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार जांजगीर चांपा हाई प्रोफाइल वीआईपी सीट बन चुकी है। क्योंकि यहां से छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी प्रत्याशी नारायण चंदेल चुनावी रण में है।

उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी व्यास कश्यप चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। व्यास कश्यप लंबे समय तक बीजेपी में रह चुके हैं। इसके बाद साल 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव  लड़ा। अब इस बार कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया है। वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल यहां से विधायक हैं। उनके बेटे पलाश चंदेल के खिलाफ एक आदिवासी शिक्षिका ने दुष्कर्म और गर्भपात का केस दर्ज कराया था। हालांकि सितंबर 2023 में हाईकोर्ट ने इस एफआईआर को रद्द कर चुका है। इस केस की वजह से विधायक नारायण चंदेल और उनके बेटे के छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।जांजगीर-चांपा सीट सीट  कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है।

एक उप चुनाव समेत अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं। जिनमें 11 बार कांग्रेस जीती है, जिनमें एक उपचुनाव सहित पहले तीन चुनाव में रामकृष्ण राठौर और बिसाहूदास महंत, उनके बेटे चरणदास महंत और बीजेपी के नारायण चंदेल ने तीन बार विधायक रह चुके हैं। चंदेल अविभाजित मध्यप्रदेश में 1998 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2008 में दूसरी बार अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याषी मोतीलाल देवांगन को 1190 मतों से हराकर विधायक चुने गए और उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2018 में वे तीसरी बार यहां के विधायक बने हैं और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

आबादी में 55 फीसदी हिस्सा कुर्मी समाज का
यहां की आबादी में कश्यप, कुर्मी समाज का 55 फीसदी हिस्सा है। यहां कुल 1 लाख 97 हजार 32 मतदाता हैं, जिनमें 1 लाख 1 हजार 137 पुरुष और 95 हजार 895 महिला मतदाता और 11 थर्ड जेंडर वोटर्स है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद कांग्रेस को दो बार यहां से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। इस सीट पर सर्वाधिक लीड लेने का रिकार्ड डॉ. चरणदास महंत के नाम दर्ज है। चांपा विधानसभा के पड़ोस में बलौदा विधानसभा सीट हुआ करती थी, जिसमें सबसे कम उम्र का विधायक बनने का रिकार्ड लखेश्वर पालीवाल के नाम अंकित है। यहां बीजेपी और कांग्रेस में चुनावी जंग देखने को मिलती है। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के नेता सीट बदलते रहते हैं।

80 फीसदी सिंचाई नहर के पानी पर निर्भर
जांजगीर चांपा विधानसभा किसान बहुल्य क्षेत्र है। क्षेत्र का 80 फीसदी भाग नहर के पानी पर निर्भर है। किसान खरीफ फसल के तौर पर धान उगाकर और फिर उसे सरकार को बेचकर लाभ कमाते हैं, लेकिन रबी की फसल में परिवर्तन ना करके वापस धान उगाते हैं। दूसरी फसल के उत्पादन को सरकार नहीं खरीदती।

विधानसभा चुनाव 2018 का परिणाम
जांजगीर-चम्पा विधानसभा सीट 2018 के परिणाम पर नजर दौड़ाएं तो इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच रोचक भिड़ंत देखने को मिली थी। काउंटिंग के आखिरी चरण तक दोनों दल एक-दूसरे पर भारी पड़ते दिख रहे थे। कांटे की टक्कर दिखी थी। अंत में भाजपा ने इस सीट पर फतह हासिल की । बीजेपी प्रत्याशी नारायण चंदेल ने विधायकी सीट पर कब्जा किया। भाजपा प्रत्याशी ने 54 हजार से अधिक वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मोतीलाल देवांगन को 49 हजार से कुछ अधिक वोटों से ही संतोष करना पड़ा था।

जातीय समीकरण
इस सीट में ओबीसी और एससी मतदाताओं का दबदबा कायम है। इसी सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के लोग अधिक हैं, लेकिन ओबीसी वर्ग जीत और हार का समीकरण तय करते हैं। इसके अलावा कुर्मी, कश्यप, साहू, राठौर जाति भी विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के वोटर भी कम होने के बाद भी किसी भी प्रत्याशी के लिए दोनों वर्गों का वोट अहम है। जांजगीर चांपा विधानसभा में 212297 मतदाता हैं, जिसमें से 104631 महिला और 107653 पुरुष मतदाता हैं। वहीं थर्ड जेंडर के 13 मतदाता शामिल हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में यहां का मतदान प्रतिशत 74 फीसदी था।

  जांजगीर चांपा सीट का इतिहास
चांपा विधानसभा सीट में वर्ष 1967 से 1993 तक एक चुनाव को छोड़ दिया जाए तो महंत परिवार का दबदबा रहा है। यहां से जनता लहर 1977 में भी बिसाहूदास महंत ने जनता पार्टी से टुंडीलाल थवाईत को हराया था। इससे पहले वे 1967 और 1972 में भी जीत दर्ज की थी। उनके निधन के बाद 1980 में उनके बेटे चरणदास महंत यहां से विधायक चुने गए। वो चार में से तीन चुनाव में कामयाब रहे। उनके नाम सर्वाधिक मत प्राप्त प्रत्याशी 69.03 सर्वाधिक मतांतर से विजयी प्रतिभागी 17200 मत का रिकार्ड दर्ज  है। 1980 में अपने पहले चुनाव में उन्होंने भाजपा के बलिहार सिंह को हराया। डॉ. महंत को 42665 व बलिहार सिंह को 10903 वोट मिले थे जबकि बलिहार सिंह को प्राप्त वोट से ज्यादा भी मतों का अंतर था।

स्थानीय मुद्दे

    स्वास्थ्य
    शिक्षा
    पेयजल
    सिंचाई
    कृषि
    रोजगार
    ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का आभाव

 विधानसभा चुनाव 2018
प्रत्याशी        पार्टी          वोट
नारायण चंदेल- भाजपा     54040
मोतीलाल देवांगन- कांग्रेस  49852

विधानसभा चुनाव 2013
मोतीलाल देवांगन- कांग्रेस  54291
नारायण चंदेल – भाजपा  44080

 विधानसभा चुनाव 2008
नारायण चंदेल- भाजपा 42006
मोतीलाल देवांगन – कांग्रेस 40816

विधानसभा चुनाव  2003
मोतीलाल देवांगन – कांग्रेस 52075
नारायण चंदेल – भाजपा 44365

पहले चरण में हुआ था 78 प्रतिशत मतदान
पहले चरण में 7 नवंबर को 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हुए थे। इसके तहत छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग बस्तर की 12 सीटें और दुर्ग संभाग के नक्सल प्रभावित जिले राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़ की 8 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। पहले चरण में  कुल 78 प्रतिशत मतदान हुआ था। बस्तर की सभी 12 सहित कुल 16 सीटों पर पिछले चुनावें की तुलना में इस बार अधिक वोटिंग हुई है। वहीं 2018 की तुलना में 4 सीटों पर कम मतदान हुआ है। इन 4 सीटों में कबीरधाम जिला की दोनों सीट पंडरिया और कवर्धा के साथ खैरागढ़- छुईखदान जिला की खैरागढ़ सीट और राजनांदगांव जिला की खुज्जी सीट शामिल है। बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों पर इस बार रिकार्ड तोड़ वोटिंग हुई है।

दूसरे चरण में 70 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को चुनाव
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर दूसरे चरण में 70 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को चुनाव कराए जाएंगे। इनमें 34 सीटें वीआईपी
हैं। पहले चरण में 7 नवंबर को 20 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में से 10 सीटें वीआईपी थीं। कुल मिलाकर प्रदेश में 44 सीटें हाई प्रोफाइल हैं। इन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और जेसीसीजे के दिग्गज नेताओं के बीच मुकाबला होगा। भाजपा, कांग्रेस और जेसीसीजे के प्रत्याशी एक दूसरे को कड़ी टक्कर देंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button