स्‍वेदशी मोबाइल चिप पर काम शुरू, सरकार की बड़ी तैयारी

नई दिल्ली

स्मार्टफोन मार्केट की बात होती है भारत का जिक्र जरूर होता है। क्योंकि भारत एक बड़ी स्मार्टफोन मार्केट है और हर कंपनी इसमें एंट्री करना चाहती है। बढ़ती डिमांड और यूजर्स को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से एक नई शुरुआत की गई है। इसमें मोबाइल चिप पर काम किया जा रहा है। अभी तक इस मार्केट चीन और अमेरिका का दबदबा है। इसके अलावा साउथ कोरियन कंपनी सैमसंग के स्मार्टफोन भी डिमांड में रहते हैं। इन सबके बावजूद भारतीय कंपनियों के स्मार्टफोन की डिमांड नहीं रहती है। अब सरकार एक ऐसा प्लान बना रही है, जिसके तहत भारतीय मोबाइल चिप लाई जा सकती है।

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स (MeitY) और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) की तरफ से काम किया जा रहा है। खास बात है कि अब दोनों ही डिपार्टमेंट इस पर साथ आ गए हैं। दोनों की तरफ से मोबाइल चिप पर काम किया जा रहा है। 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत इस काम को पूरा किया जा रहा है। एक वरिष्ठ मिनिस्ट्री ऑफिशियल ने ET को इसकी जानकारी दी है। भारतीय चिप की मदद से स्मार्टफोन मार्केट को बूस्ट मिल सकता है। साथ ही इससे स्मार्टफोन की डिमांड में भारतीय चिप का इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारतीय चिप पर क्या बोले सेक्रेटरी कृष्णन
मिनिस्ट्री ऑफ इलेट्रॉनिक्स और IT के सचिव एस कृष्णन ने कांग्रेस में कहा, 'जब हम भारत में विकसित किए जा रहे मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम की बात कर रहे हैं, तो मोबाइल फोन के चिपसेट की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। इस दिशा में हम डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, (इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय) इसे "इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन" और "डिजाइन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम" के तहत समर्थन दे रहा है।'

बजट में भी था सेमीकंडक्टर पर फोकस
भारत ने इस बार के बजट में सेमीकंडक्टर पर फोकस किया है। यही वजह है कि बजट में 83 फीसद का इजाफा किया गया है। इस तरह सेमीकंडक्टर का बजट करीब 7,000 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि मोबाइल फोन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनीशिएटिव यानी पीएलआई स्कीम का बजट 55 फीसद बढ़कर 9,000 करोड़ रुपये हो गया है। इसके साथ ही ये साफ हो गया है कि सरकार की तरफ से भी इस पर फोकस किया जा रहा है। वहीं, चीन का सेमीकंडक्टर बजट करीब 47 बिलियन डॉलर यानी करीब 4 लाख करोड़ रुपये है, जो कि भारत के मुकाबले में काफी ज्यादा है।

AI सपोर्ट वाली सेमीकंडक्टर चिप
AI के लिए भी सेमीकंडक्टर चिप महत्वपूर्ण साबित होने वाली है। इसकी मदद से AI एप्लीकेशन को भी बढ़ावा मिल सकता है। कृष्णन की तरफ से इस पर भी फोकस किया जाता है। वह कहते हैं, 'इनमें से कई AI एप्लिकेशन टेलीकॉम से जुड़ी बुनियादी संरचना का उपयोग करेंगे, डेटा को एक साथ लाएंगे, और यह एक सहज प्रक्रिया होगी जो सभी चीजों को जोड़कर रखेगी।' यानी भारत सरकार की स्कीम को भी इससे लाभ मिलने वाला है।

भारत में नौकरियों पर पड़ेगा असर ?
भारत में AI की वजह से नौकरियों पर भी असर पड़ेगा ? ये सवाल हर किसी के मन में है। कृष्णन ने इसके जवाब सीधा नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि भारत में AI की वजह से नौकरियों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि यहां व्हाइट कॉलर जॉब बहुत कम हैं। हमारे यहां ऑफिस जॉब्स कम देखने को मिलती है। अभी AI ऐसे काम पर असर डाल सकता है जो रोजाना एक जैसा होता है। लेकिन भारतीय बाजार पर फिलहाल इसका असर कम देखने को मिल सकता है।'

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button