बीते वित्त वर्ष में मुनाफा, ऋण वृद्धि में सार्वजनिक बैंकों में बैंक ऑफ महाराष्ट्र सबसे आगे
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नई दिल्ली
बीते वित्त वर्ष (2022-23) में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ऋण और जमा वृद्धि के मामले में (प्रतिशत में) बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है।
पुणे-मुख्यालय वाले बैंक ने मुनाफे में भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। साल के दौरान बैंक का मुनाफा लगभग 126 प्रतिशत बढ़कर 2,602 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों (पीएसबी) का शुद्ध लाभ 57 प्रतिशत की छलांग लगाते हुए 1,04,649 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
बीते वित्त वर्ष में प्रतिशत में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कुल ऋण या अग्रिम 29.4 प्रतिशत बढ़कर 1,75,120 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक के ऋण में क्रमश: 21.2 प्रतिशत और 20.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हालांकि, मूल्य के लिहाज से देखा जाए, तो
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का कुल ऋण बीओएम की तुलना में लगभग 16 गुना अधिक 27,76,802 करोड़ रुपये है।
जमा के मामले में बीते वित्त वर्ष में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जमा 15.7 प्रतिशत बढ़कर 2,34,083 करोड़ रुपये रही।
आंकड़ों के अनुसार, जमा वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा 13 प्रतिशत की वृद्धि (10,47,375 करोड़ रुपये) के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की जमा 11.26 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12,51,708 करोड़ रुपये रही।
बीओएम कम लागत के चालू खाता और बचत खाता (कासा) जमा हासिल करने में भी 53.38 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर रहा। उसके बाद 50.18 प्रतिशत के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का स्थान है।
बीओएम का कुल कारोबार 2022-23 में 21.2 प्रतिशत बढ़कर 4,09,202 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंक ऑफ बड़ौदा दूसरे स्थान पर रहा। उसका कारोबार 14.3 प्रतिशत बढ़कर 18,42,935 करोड़ रुपये रहा।