Gmail पर भी दिखने लगा ब्लू टिक, असली-नकली ईमेल का ऐसे लगेगा पता
नईदिल्ली
मई की शुरुआत में Google ने बढ़ते स्कैम के मामलों को कम करने के लिए Gmail पर वेरिफाइड सेंडर्स के नाम के आगे ब्लू चेकमार्क लगाने की घोषणा की थी. ये फीचर 3 मई, 2023 से Google Workspace के सभी यूजर्स, पुराने G Suite बेसिक और बिजनेस कस्टमर्स और पर्सनल Google अकाउंट वाले यूजर्स के लिए शुरू हो गई है. ये फीचर अब भारत में कुछ Google अकाउंट यूजर्स के लिए शुरू हो गया है. ब्लू चेकमार्क ईमेल के ऑफिशियल या वेरफाइड अकाउंट होने की पहचान कराता है. इस चेक मार्क से आप सेंडर की ऑथेंटिसिटी की पहचान कर सकते हैं.
जीमेल ब्लू चेक मार्क वेरिफाइड अकाउंट की करेगा पहचान
इसके जरिए आपको ये पता चल जाएगा कि मेल सेंडर की प्रोफाइल पर लगा फोटो वाला ही है या नही. इसके अलावा ये प्रोफाइल वेरिफाइड है या नहीं. मेल को वेरिफाइ करने के लिए Gmail मैसेज पहचान के लिए ब्रांड मैसेज इंडिकेटर्स यानी BIMI, वेरिफाइड मार्क क्लेरिफिकेशन यानी VMC, और डोमेन-बेस्ड मैसेज ऑथेंटिकेशन, रिपोर्टिंग और कॉनफरेंस (DMARC) इन टूल्स का इस्तेमाल करके पता लगया जा सकता है.
सेंडर की ऑथेंटिसिटी का पता लगाने के टूल्स
BIMI एक ओपन स्टैंडर्ड है जो ईमेल भेजने वालों को ईमेल में अपने ब्रांड लोगो का यूज करने की अनुमति देता है. BIMI को साल 2021 में जीमेल में पेश किया गया था. VMC एक सर्टिफिकेट अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल सर्टिफिकेट है, जो सेंडर के लोगो की ओनरशिप को वेरिफाई करता है. DMARC एक स्टैंडर्ड है जिसका यूज ईमेल सिक्यॉरिटी सिस्टम द्वारा रियल मैसेज को स्पैम मैसेज में फिल्टर करने और अलग करने के लिए किया जाता है. एक बार जब कोई सभी इन सभी टेस्ट्स को क्लियर कर लेता है, तो जीमेल उन्हें ऑथेंटिसिटी कंफर्म करने के लिए जीमेल में उनके नाम के आगे एक ब्लू टिक लगाने देता है.