चीन और पाकिस्तान ने आतंकवाद पर तालिबान की आलोचना की

बीजिंग

चीन ने कहा है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद बद से बदतर हो गया है और तालिबान शासकों को पड़ोसी देशों-खासकर पाकिस्तान के लिए समस्याएं खड़ी कर रहे आतंकी समूहों पर नकेल कसने के अपने संकल्प को पूरा करना चाहिए। आतंकवादी समूह टीटीपी द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों से पाकिस्तान परेशान है। इस्लामाबाद का आरोप है कि यह समूह अफगान धरती से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। चीन अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही तालिबान का समर्थन करता आया है। चीन को उम्मीद है कि तालिबान की मदद से वह शिनजियांग प्रांत में सक्रिय आतंकवादियों पर नकेल कस सकता है।

चीन बोला- अफगानिस्तान में हालात बद से बदतर
चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने गुरुवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के सम्मेलन की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद बद से बदतर हो गया है। अफगान आतंकी समूहों की संख्या आज बढ़कर 20 से अधिक हो गई है। इस सम्मेलन में चीन, रूस, पाकिस्तान और ईरान शामिल हुए। चीन द्वारा बुलाई गई विदेश मंत्रियों की यह चौथी बैठक है, जिसके उइगुर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत की सीमाएं अफगानिस्तान से लगती हैं।

चीन को अब दिखा आतंकवाद
समरकंद बैठक के अंत में जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान आधारित आतंकवादी समूहों ने पड़ोसी देशों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी की हैं। बैठक में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार शामिल हुईं। चीन ने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद ''बद से बदतर'' हो गया है और तालिबान शासकों को पड़ोसी देशों-खासकर पाकिस्तान के लिए समस्याएं खड़ी कर रहे आतंकी समूहों पर नकेल कसने के अपने संकल्प को पूरा करना चाहिए।

चीन-पाकिस्तान को सता रहा आतंकवाद का डर
चीन और पाकिस्तान दोनों अफगानिस्तान में बढ़ते आतंकवाद से डरे हुए हैं। दोनों देशों को आशंका है कि अगर अफगानिस्तान में आतंकवाद बढ़ता है तो इसका सीधा असर उनके देश पर पड़ सकता है। चीन शिनजियांग में ईस्ट तुर्कमेनिस्तान नाम के आतंकी संगठन से परेशान हैं, वहीं पाकिस्तान तो खुद में आतंकवाद की फैक्ट्री है। पाकिस्तान का आरोप है कि आतंकवादी अफगानिस्तान के रास्ते उसके देश में प्रवेश करते हैं और हमला कर वापस भाग जाते हैं।

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