हर मिनट Gautam Adani ने चुकाया 19 लाख, 90 दिनों में ऐसे घटाया कर्ज का बोझ

मुंबई

अडानी ग्रुप अपने कर्ज को कम करने में लगातार काम कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप ने बीती तिमाही यानी वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 3 बिलियन डॉलर यानी करीब 25 हजार करोड़ रुपये का कर्ज कम किया है. इस तरह से तीन महीनों में गौतम अडानी ने हरेक मिनट में 19 लाख रुपये कर्ज के रूप में चुकाए हैं. जिससे प्रमोटर ग्रुप के गिरवी शेयरों में कमी आई है और तीन घरेलू म्युचुअल फंडों के साथ बांड को भी से टल किया है. पिछले महीने, अरबपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर 7,374 करोड़ रुपये का प्रीपेड शेयर-सपोर्टिड लोन था, जिसकी मैच्योरिटी साल 2025 में होनी थी.

36.50 अरब रुपये का यहां किया भुगतान

मिंट की एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि ग्रुप ने कम से कम 36.50 अरब रुपये (445.31 मिलियन डॉलर) के कुल कमर्शियल पेपर्स भी चुकाए हैं. कंपनी के एक अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में मिंट को कोट करते हुए कहा कि जीक्यूजी पार्टनर्स की ओर से मिले करीब 15 हजार करोड़ रुपये से इनकम और प्रमोटर-ग्रुप फंडिंग से अतिरिक्त 1 बिलियन डॉलर का उपयोग प्रमोटर्स के कर्ज का पार्ट पेमेंट का एक बड़ा हिस्सा जारी करने और बॉन्ड को जल्दी चुकाने के लिए किया गया था.

इन चार कंपनियों का कितना कर्ज चुकाया

ग्रुप की कुल लिस्टिड कंपनियों में से चार कंपनियों अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी पोर्ट्स एसईजेड लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में प्रमोटर्स के कर्ज को कम करने के लिए 2.54 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं. ग्रुप ने जनवरी-मार्च तिमाही में एसबीआई म्यूचुअल फंड (2,750 करोड़ रुपये), आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड (500 करोड़ रुपये) और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (450 करोड़ रुपये) को बेचे गए कम से कम 3,650 करोड़ रुपये के कमर्शियल पेपर्स का का भुगतान किया.

 

अडानी ग्रुप सावधानी से अपने कदम को आगे बढ़ा रहा है. गिरवी शेयरों, बांड और लोन चुकाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है. जिसके लिए ग्रुप ने निवेशकों के विश्वास को फिर से बनाने के लिए कई शहरों में रोड शो भी किए हैं. मार्च तिमाही में ग्रुप ने अडानी पोर्ट्स में कम से कम 12,100 करोड़ रुपये, अडानी इंटरप्राइजेज में 4,000 करोड़ रुपये, अडानी ट्रांसमिशन में 3,762 करोड़ रुपये और अदानी ग्रीन एनर्जी में 1,145 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. वैसे ग्रुप ने गिरवी रखे शेयरों के लेवल को कम किया है, जिसकी वजह से ग्रुप के शेयरों में गिरावट को रोकने में मदद मिली है.

हिंडनबर्ग की आई थी रिपोर्ट

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद ग्रुप का टारगेट प्रमोटर के कर्ज को कम करना है और इंवेस्टर्स और कर्जदारों की चिंताओं को दूर करना है. ​शॉर्ट सेलर ने ग्रुप को टारगेट करते हुए एक रिपोर्ट सामने लाई थी, जिसमें गौतम अडानी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा अकाउंटिंग फ्रॉड किया है. इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को 145 बिलियन डॉलर का भारी नुकसान हुआ है.

 

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