15 साल कार्यकतार्ओं को पूछते तो आज टिफिन की जरूरत नहीं पड़ती : भूपेश

रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा की टिफिन पॉलिटिक्स पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पंद्रह साल कार्यकतार्ओं को पूछे होते तो टिफिन लेकर जाने की नौबत नहीं आती। कार्यकर्ता खाने तक के लिए नहीं पूछ रहे है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए बघेल ने कहा कि, बीजेपी का चरित्र झूठ बोलने में है। अफवाह फैलाएंगे। लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता असलियत जानती है। यदि केंद्र सरकार पैसे देती तो रमन सिंह क्यों 10 क्विंटल धान की खरीदी करते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार केवल हरियाणा और पंजाब में एफसीआई के माध्यम से धान खरीदती हैं। यहां पूरा सिस्टम राज्य सरकार का है। जिले में डीओ किसका है राज्य सरकार का है सोसाइटी किसके राज्य सरकार के है। धान उपार्जन केंद्र, धान खरीदी केंद्र और सोसाइटी में किसके कर्मचारी हैं? यहां एफसीआई केवल चावल लेती है। पंजाब और हरियाणा में एफसीआई के माध्यम से केंद्र सरकार धान खरीदती है।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो एफसीआई के माध्यम से खरीदी कर लें। यदि नहीं तो हमें 3 साल पहले धान की नीलामी क्यों करनी पड़ी? 1900 से 2000 का रेट था, नीलामी में जो कम रेट में 1300 से 1400 में बेचे। तो जो डिफरेंस का पैसे भारत सरकार ने दिए क्या । नहीं दिया। घाटा तो राज्य सरकार को हुआ। आप चावल खरीदो या मत खरीदो हम किसानों से धान खरीदी बंद नहीं करेंगे।चावल केवल भारत सरकार नहीं खरीदती । नागरिक आपूर्ति निगम में जो चावल जाता है वह किसका है? नागरिक आपूर्ति निगम राज्य सरकार का है। केंद्र सरकार राज्य को केवल 5 किलो चावल देती है। हम 35 किलो चावल लोगों को देते हैं।

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