नीतीश कुमार की भाजपा विरोधी मुहिम को ममता बनर्जी ने दिया तगड़ा झटका, कांग्रेस को भी दिया मैसेज

 नई दिल्ली

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोकने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल युनाइटेड (JDU) के नेता नीतीश कुमार विपक्ष को लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी मकसद के साथ उन्होंने हाल में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुलाकात की थी। अब जो सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है, वह यह है कि ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार के उस ऑफर को ठुकरा दिया है जिसमें कांग्रेस और वाम दलों को साथ लेकर चलने की उनसे अपील की गई थी।

ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में कहा है कि कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट में से किसी एक चुनना होगा। इसी शर्त पर वह विपक्षी एकता को लेकर किसी भी नेता या पार्टी से बात करेंगी। सूत्रों का कहना है कि कोलकाता में हुई बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने ममता बनर्जी से लेफ्ट से सीधे गठबंधन के बजाय कांग्रेस के खाते से उसे सीट देने की बात की थी। हालांकि, ममता बनर्जी ने साफ-साफ कह दिया है कि वह किसी भी सूरत में लेफ्ट के साथ दिखना नहीं चाहती हैं। विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना होगा।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा, दोनों ही जगह कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ी थी, लेकिन इसका लाभ नहीं मिला। ऐसे में उसे टीएमसी के समर्थन की भी दरकार है। वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी विरोधी मतों को एकजुट करने की कवायद कर रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी के इस कदम से उन्हें बड़ा झटका लगा है।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 18 सीटें जीतकर सियासी पंडितों को चौंका दिया था। वहीं, कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों से संतोष करना पड़ा था। टीएमसी 22 सीटों के साथ बंगाल की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

 

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