लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ेगा NDA का कुनबा, अकाली और TDP की होगी वापसी; BJP-JDS गठबंन संभव

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विजयी रथ को रोकने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी दलों को एकजुट करने की तैयारी चल रही है। 23 जून को पटना में एक बड़ी बैठक होने वाली है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भगवा पार्टी ने भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में जान फूंकने की कोशिश शुरू कर दी है। अपने पूर्व सहयोगियों से बात करना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव के लिए फिर से एक मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर), आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के साथ गठबंधन पर वार्ता फिर से शुरू कर दी है। इसके अलावा महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के साथ पार्टी के संबंधों की भी पुष्टि की है। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा जल्द ही उत्तर प्रदेश और बिहार सहित अन्य राज्यों में छोटे दलों के साथ बैठक करेगी और गठबंधन पर चर्चा करेगी।

पीएम मोदी ने भी दिए संकेत
दिल्ली में हाल में ही हुई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा को सलाह दी थी कि क्षेत्रीय दलों के साथ संबंध बनाकर उन्हें एनडीए में समायोजित करने के लिए खुले रहें। पीएम की इस सलाह को कई भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया। आपको बता दें कि एनडीए से टीडीपी, उद्धव की शिवसेना, अकाली दल और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के बाहर निकलने से भाजपा की छवि खराब हुई है। एक ऐसा संदेश गया कि वह छोटे दलों के साथ गठबंधन के पक्षधर नहीं है। भाजपा अब इसे बदलना चाहती है।

उपचुनाव में मिली हार से भी बदले समीकरण
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, जालंधर लोकसभा उपचुनाव के नतीजों का आकलन करने के बाद भाजपा नेतृत्व ने कृषि कानूनों को लेकर एनडीए का साथ छोड़ने वाले अकाली दल से संबंध सुधारने का फैसला किया है। कांग्रेस के पारंपरिक गढ़ जालंधर लोकसभा सीट पर मई में हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को 34.1 फीसदी वोट मिले। वहीं, अकाली और बीजेपी के उम्मीदवारों को क्रमश: 17.9 फीसदी और 15.2 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, पंजाब बीजेपी के एक नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अकाली भी भाजपा के साथ अपने संबंध सुधारने के लिए पहल कर रहे थे।

जेडीएस के साथ गठबंधन पर भी चर्चा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और जेडीएस के गठबंधन की चर्चा हुई थी। लेकिन देवगौड़ा की पार्टी वोक्कालिगा और मुस्लिमों का वोट बनाए रखने के लिए गठबंधन पर बात आगे नहीं बढ़ाई। वहीं, भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी अपने वोट शेयर में आश्चर्यजनक गिरावट से निराश थी। भाजपा के एक नेता ने कहा, "लोकसभा चुनाव के लिए दोनों दलों का एक औपचारिक गठबंधन बनाना समझ में आता है। जेडीएस को निकट भविष्य में अल्पसंख्यक वोटों को फिर से हासिल करने की ज्यादा उम्मीद नहीं है।"

देवगौड़ा दे रहे संकेत
बालासोर ट्रेन हादसे पर पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रशंसा की थी। उनके अलावा कई जेडीएस नेताओं ने भी सराहना की। इन बयानों से बीजेपी और जेडीएस के गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत के बाद बीजेपी वोक्कालिगा वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए उत्सुक है।

चंद्रबाबू के साथ बैठक
कर्नाटक में मिली हार के बाद भाजपा ने टीडीपी के साथ संबंध बढ़ाना शुरू कर दिया है। एन चंद्रबाबू नायडू और अमित शाह के बीच इस मुद्दे पर बैठक भी हुई है। नायडू ने पहले भी भाजपा के साथ अपने संबंधों में नरमी लाने के लिए कई प्रयास किए थे। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने तब दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। नायडू ने अब भाजपा के शीर्ष नेताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने स्पष्ट रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की। इस साल के अंत में कई महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। यहां भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से होगा। नायडू आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी को सत्ता से हटाकर सत्ता में वापसी के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने के इच्छुक हैं। वहीं, भाजपा तेलंगाना में तेजी से उभर रही है। यहां वह अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है। इन दोनों राज्यों में बीजेपी कांग्रेस को तीसरे नंबर तक सीमित करना चाहती है।

शिंदे से भी सुधरेंगे संबंध
सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ने शिंदे सेना को नए सिरे से सुलह के संकेत भेजे हैं। शिंदे कैंप ने उन सांसदों के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह की मांग कर रही है जिन्होंने संसद में भाजपा को समर्थन दिया है। सूत्रों ने कहा कि गठबंधन के सहयोगियों को जगह देने के लिए जल्द की कैबिनेट विस्तार भी किया जा सकता है। शिंदे ने हाल ही में डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ इस सप्ताह की शुरुआत में अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि दोनों सहयोगी महाराष्ट्र में भविष्य के सभी चुनाव एक साथ लड़ेंगे।

 

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