अब चाहें जितने ऐप्स करें डाउनलोड नहीं होगी स्टोरेज फुल की समस्या

नई दिल्ली

AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एक ऐसा बोट जो इंसान के आदेश के मुताबिक, कंटेट क्रिएट कर मुश्किल काम को पहले से आसान बना रहा है। यह एक एडवांस टेक्नोलॉजी का नमूना है। ऐसा ही एक फीचर्स गूगल भी अपने यूजर्स को दे रहा है। गूगल अपने दमदार फीचर्स के चलते ही लोगों के बीच लोकप्रिय है, जहां वह यूजर्स की जरूरतों के अनुसार नए फीचर्स लाता रहता है। इसके मदद से आप अपने मोबाइल में स्टोरेज फुल हो जाने के बाद से किसी ऐप को इंस्टॉल करने में सक्षम होंगे। गूगल के इस ऑटो आर्काइव फीचर को रोल आउट करना शुरू कर दिया है। इस फीचर की मदद से आप स्टोरेज फुल होने पर भी नए एप्स को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल कर पायेंगे।

गूगल ऑटो आर्काइव फीचर में क्या है खास
गूगल ने इसके बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा है कि गूगल ऑटो आर्काइव फीचर उन एप्स के स्टोरेज को 60% तक कम कर देगा, जो ऐप यूजर्स द्वारा उपयोग नहीं किए जाते हैं। दूसरी ओर इस फीचर के आने के बाद डिवाइस का स्टोरेज फुल होने पर नए एप्स इंस्टॉल करने के लिए यूजर्स को इसे खाली नहीं करना होगा। गूगल ऑटो आर्काइव फीचर अपने आप ही इस काम को पूरा कर देगा। इसके साथ ही गूगल ऑटो आर्काइव फीचर जिन एप्स के साइज को कम करेगा वह एप्स आपको क्लाउड आइकॉन के साथ दिखाई देंगे। बता दें कि गूगल ऑटो आर्काइव फीचर आने के बाद यूजर्स को कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी, जहां नए एप्स को इंस्टॉल करने के लिए उन्हें अपना कीमती डेटा डिलीट या हटाना नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही गूगल ऑटो आर्काइव फीचर के जरिये कम यूज होने वाले एप्स आंशिक रूप से हटेंगे, जहां यूजर इनका उपयोग होने पर इन्हें फिर डाउनलोड करके पहले जैसा यूज कर सकेंगे। वहीं इस फीचर के जरिये आपका कीमती डेटा लंबे समय तक सुरक्षित रहने वाला है।

ऐसे काम करेगा गूगल ऑटो आर्काइव फीचर
बता दें कि जब हम किसी नए एप को इंस्टॉल करते हैं तो ऐसे में अगर स्टोरेज फुल हुआ तो हमें एक पॉप-अप विंडो दिखाई देती है। दूसरी ओर गूगल ऑटो आर्काइव फीचर के आने के बाद आपसे पूछा जाएगा कि आप इस फीचर का उपयोग करना चाहते हैं। अगर आपने इसे अनुमति दी तो यह फीचर उन एप्स के साइज को कम कर देगा, जिन्हें आप यूज नहीं करते हैं। ऐसे में आप स्टोरेज फुल होने पर भी एप्स को आसानी से इंस्टॉल कर पायेंगे। दूसरी ओर फिलहाल इसे उन यूजर्स के लिए रोलआउट किया गया है, जो एप्स को पब्लिश करने के लिए एप बंडल का यूज करते हैं।

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