सांसदी खोने के बाद पहली बार वायनाड जा रहे राहुल गांधी, क्या हैं इस दौरे के मायने

 नई दिल्ली
मानहानि मामले में सजा सुनाए जाने और संसद की सदस्यता खोने के बाद पहली बार राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड जा रहे हैं। उनके साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी होंगी। वह अपने लोकसभा  क्षेत्र रहे वायनाड में लोगों से बात करेंगे। राहुल गांधी कालपेटा में एक रोडशो करेंगे और इसके बाद मीडिया से भी बात करेंगे। बताया जा रहा है कि उनकी जनसभा में हजारों लोग शामिल होने वाले हैं। बता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने वायनाड से ही जीता था। वहीं उनकी पुरानी सीट अमेठी से हार का मुंह देखना पड़ा था।

राहुल का साथ देंगे कांग्रेस के बड़े नेता
राहुल गांधी ने वाडनाड में 4.31 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी के साथ रोडशो में एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, तारिक अनवर, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन, केरल में कांग्रेस के अध्यक्ष के सुधाकरण, मुस्लिम लीग के स्टेट प्रेसि़डेंट पनक्कड़ सादिक अली शिहाब और कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।

'सत्यमेव जयते रैली'
राहुल गांधी के रोडशो की खास बात यह है कि उनके हाथ में पार्टी के झंडे की जगह तिरंगा होगा। पूरे रोडशो में तिरंगे ही दिखाई देंगे। बता दें कि बजट सत्र के अंतिम दिन विपक्षी नेताओं ने भी कुछ ऐसा ही मार्च निकाला था। नेताओं ने हाथ में तिरंगा लेकर विजय चौक से कॉन्स्टिट्यूशन क्लब तक का मार्च किया था। इसमें 19 दल शामिल हुए थे।

क्या हैं राहुल गांधी के इस दौरे का मायने
राहुल गांधी का यह दौरा अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि अब उनकी सदस्यता जा चुकी है। ऐसे में इस दौरे से साफ पता लगता है कि राहुल गांधी को पूरी उम्मीद है कि कोर्ट से उन्हें राहत मिलेगी। बीते दिनों राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं के साथ सूरत पहुंचे थे और अपनी सजा के खिलाफ अपील की थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होनी है। राहुल गांधी को इस मामले में जमानत दे दी गई है। राहुल गांधी का दौरा यह भी संकेत करता है कि अगर उन्हें कोर्ट से राहत मिल जाती है और वह चुनाव लड़ते हैं तो वह वाडनाड को नहीं छोड़ेंगे।

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