खुलासा: हमले के पीछे लश्कर का साजिद, आतंकियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन जारी

राजौरी

जम्मू कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए पांच जवानों को आज उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धांजलि अर्पित की. राजौरी में आज भी आतंकियों के खिलाफ सेना का 'ऑपरेशन आल आउट' जारी है, वहीं घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. इसी बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं. वह राजौरी भी जाएंगे और पुंछ सेक्टर में चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे.

प्रदेश में जी-20 की मीटिंग से पहले आतंकी एक बार फिर सक्रीय हो गए हैं, लेकिन सेना भी पूरी तरह से मुस्तैद है। कश्मीर घाटी में 22-25 मई के बीच जी-20 की होना है। अधिकांश बैठकों श्रीनगर में होंगी।

मौके पर मौजूद हैं कमांडर

उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन की समीक्षा करने के लिए ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद हैं जहां सैनिकों ने उन्हें बताया कि कैसे आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ की शुरुआत हुई. इस बीच राजौरी में आज सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराया जबकि एक के घायल होने की संभावना है. अब तक की गई बरामदगी में 1 AK56, 9mm पिस्टल, 3 ग्रेनेड सहित बड़ी मात्रा में मैगजीन और गोलाबारूद बरामद हुआ है.

मारे गए आतंकवादी की पहचान की जा रही है. पिछले 48 घंटों में बारामूला में आतंकियों से ये दूसरी मुठभेड़ है. गुरूवार को क्रीरी इलाके में दो आतंकी ढेर किये गये थे. इलाके में और भी आतंकियों के छिपे होने की आशंका है और तलाशी अभियान जारी है.

पांच जवान हुए थे शहीद

इससे पहले शुक्रवार को ही जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे. एक जख्मी जवान का अभी इलाज चल रहा है. सुरक्षा के लिहाज से जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है. जो पांच जवान शहीद हुए हैं, उनमें दो हिमाचल प्रदेश, एक-एक उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे.

3 मई से चल रहा इलाके में सर्च ऑपरेशन

राजौरी सेक्टर के कंडी जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष सूचना पर 3 मई को एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था. 5 मई को सुबह करीब 7:30 बजे एक खोज दल को गुफा में छुपे आतंकवादियों की जानकारी हुई. यह गुफा खड़ी चट्टानों में बनी है. सेना के जवानों ने जब वहां पहुंचकर उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की तो उन्होंने बम धमाका कर दिया.

पुंछ में हुआ था आतंकी हमला

कुछ हफ्ते पहले ही आतंकवादियों ने पुंछ में सेना के काफिले को निशाना बनाकर हमला किया था जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे. पुंछ आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने इसके बाद फिर से हमला करने की धमकी दी थी. पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट, जैश-ए-मोहम्मद का समर्थित संगठन है. अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट जैश के प्रॉक्सी आउटफिट के तौर पर उभरा था.

आतंकियों के खिलाफ जारी है एक्शन

आपको बता दें कि इस समय घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या 50 के आसपास है. इसके अलावा घाटी में वर्तमान में 20-24 विदेशी आतंकी हैं. केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, 30-35 आतंकी स्थानीय हैं और बाकी विदेशी आतंकी हैं. डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि हमने चारों तरफ से आतंक के इको सिस्टम को घेर लिया है. चाहे वह पत्थरबाजों पर कार्रवाई हो या अलगाववादी, फाइनेंसरों पर कार्रवाई हो या सीमा पार से ड्रोन के जरिए आने वाले हथियारों को जब्त करना हो. पुलिस और सुरक्षाबलों ने काफी हद तक आतंकवाद पर काबू पाने में कामयाबी हासिल की है. जहां साल 2017 से जब आतंकियों की संख्या 350 थी, वही अब उनकी संख्या दो अंकों में आ गई है.

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