चुटका से उत्पादित बिजली दर सार्वजनिक हो: चुटका विरोधी समिति

चुटका संयत्र विकास के लिए समझौता संपादित

मंडला

ज्ञात हुआ है कि चुटका परमाणु परियोजना के विकास के लिए भारत के सबसे बङे बिजली उत्पादक नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) और न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के बीच संयुक्त उद्यम अणुशक्ति विधुत निगम लिमिटेड बनाकर 1 मई 2023 को एक समझौता किया गया है।शुरुआत में संयुक्त उद्यम कंपनी दो प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (दाबित भारी जल रिएक्टर) परियोजनाओ का विकास करेगी – चुटका परमाणु परियोजना मंडला मध्यप्रदेश (2×700) और माही बांसवाडा राजस्थान परमाणु परियोजना(4×700) जिसे "फ्लीट मोड" की तरह बनाया जाएगा।रिपोर्ट के अनुसार चुटका परमाणु संयंत्र की अनुमानित लागत 25 हजार करोङ रुपए और माही परमाणु संयंत्र की 50 हजार करोङ रुपए होगी।

                    भारत के सबसे बङे बिजली उत्पादक एनटीपीसी का लक्ष्य 2032 तक 2000 मेगावाट, 2035 तक 4200 मेगावाट और 2050 तक 20 हजार मेगावाट परमाणु उर्जा उत्पादन शुरू करना है।एनटीपीसी अभी तक ताप विद्युत और सौर उर्जा उत्पादन क्षेत्र में ही काम कर रहा था।परमाणु उर्जा क्षेत्र में यह उसका पहला प्रयास है।देश के कुल बिजली आपूर्ति में 1964 से गठित परमाणु उर्जा कार्यक्रम की हिस्सेदारी अबतक मात्र 6780 मेगावाट है जो 2 प्रतिशत है।जबकि पिछले एक दशक में नवीकरणीय उर्जा की हिस्सेदारी 87 हजार 699 मेगावाट अर्थात कुल विधुत उत्पादन का 23.60 प्रतिशत है।

  चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति ने मांग किया है कि चुटका से उत्पादित बिजली का दर सार्वजनिक किया जाए।इस संयंत्र से उत्पादित बिजली का 50 प्रतिशत मध्यप्रदेश सरकार को खरीदना है परन्तु अभी तक प्रदेश की पावर मेनेजमेन्ट कम्पनी और एनपीसीआईएल के बीच बिजली खरीदी अनुबंध नहीं हुआ है।चुटका संयत्र से एक मेगावाट बिजली उत्पादन की लागत लगभग 18 करोङ रुपए आएगी।वर्ष 2014 से 2020 तक प्रदेश की विधुत कम्पनियों का घाटा 36 हजार 812 करोङ रुपए और कर्ज 50 हजार करोङ रुपए तक हो गया है।इस कारण प्रदेश के हर बिजली उपभोक्ताओ पर 25 हजार का कर्ज है।
दादु लाल कुङापे अध्यक्ष
चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति।

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