किसी के हाथ कटे थे, तो किसी के पैर: ओडिशा ट्रेन हादसे के चश्मदीद ने बयां किया वो भयानक मंजर

भुवनेश्वर
कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के बीच शुक्रवार देर शाम घातक टक्कर हुई। इस दुर्घटना में अब तक 233 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, 900 से अधिक लोगों के घायल होने की भी सूचना है। आपको बता दें कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन और चेन्नई के बीच चलती है। यह यशवंतपुर से आ रही एक अन्य पैसेंजर ट्रेन से टकरा गई। इसके कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इसके बाद सामने से आ रही मालगाड़ी ने भी टक्कर मार दी।

इस दुर्घटना में अपनी जान बचाने में सफल रहे एक यात्री ने उस भयानक मंजर को याद करते हुए बताया कि टक्कर होने से पहले वह सो रहा था। जब ट्रेन पटरी से उतरी तो झटसे से उसकी नींद खुली। उन्होंने बताया कि इसके बाद अचानक 10-15 लोग उनके ऊपर गिरे और वह उनके नीचे दब गए। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं हादसे से पहले सो रहा था। जब बोगी झटके से मुड़ी तो मैं उठा। 10-15 लोग मेरे ऊपर गिरे। हादसे में मेरे हाथ और गर्दन में चोट लग गई।"

जब उनसे पूछा गया कि हादसे में कितने लोगों की मौत हुई होगी तो उन्होंने कहा कि जब वह बोगी से बाहर निकले तो उन्होंने चारों तरफ घायल लोगों को देखा। उनके हाथ-पैर कटे हुए थे। उन्होंने कहा, "किसी का पैर टूट गया था तो किसी का हाथ टूट गया था। किसी का चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया था।" रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली चोटों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। वह आज सुबह घटनास्थल पर भी पहुंचे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुआवजे का ऐलान किया है। घायल यात्रियों को बालासोर मेडिकल कॉलेज, सोरो में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और गोपालपुर और खांटापाड़ा के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

 

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