जेल से छूटते आनंद मोहन के दबंग बोल, बीजेपी पर बरसे; कही फाड़ने-रौंदने वाली बात

नई दिल्ली    

बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर राजनीति जारी है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किए जाने के बाद स्थाई रिहाई पर तलवार लटक रही है। दिवंगत आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने उनका रिहाई आदेश वापस लेने की मांग की है।  सुप्रीम कोर्ट से अभी तक आनंद मोहन को राहत नहीं मिली है। लेकिन, उनकी दबंगई वाली भाषा फिर शुरू हो गई है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बाहुबली नेता ने फाड़ने, रौंदने  जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर बीजेपी पर जमकर बरसे। पूर्व सांसद जी कृष्णैया हत्याकांड के मुख्य आरोपी थे। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने जेल कानून में बदलाव करके उन्हें जेल से निकाला।

बिहार की राजनीति में आनंद मोहन की पहचान दबंग और बाहुबली नेता की है। कभी लालू यादव के खिलाफ ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल कर आनंद मोहन ने बिहार की राजनीति में अपनी जमीन तैयार की। उन्होंने सीधे-सीधे लालू यादव और उनके समर्थकों से लोहा लिया। इसी दबंगई में आनंद मोहन का निजी पोलिटिकल कैरियर खत्म हो गया। एक बार फिर उन्होंने दबंगई के बोल बोलना शुरू कर दिया है।  इस बार निशाने पर बीजेपी है और लालू यादव एंड टीम को पूरा समर्थन है।
 
सहरसा जिले के माहिषि में एक प्रतिमा के अनावरण के दौरान आनंद मोहन ने बीजेपी के खिलाफ आग उगला। उन्होंने पूछा कि मेरे जेल से निकलने के बाद छटपटाहट किसको है?  जो भी है वह जानता है कि यह आदमी कमल दल को हाथी की तरह रौंद देगा, फाड़ देगा। आनंद मोहन के इस बयान पर जमकर तालियां बजीं।  भाषण में उन्होंने आगे कहा – इंतजार करो, हम जितने दिन भी रहेंगे समाजवाद के लिए लड़ते रहेंगे।  तुम ताम की भाषा बोलते हुए आनंद मोहन ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
 

शुक्रवार को आनंद मोहन सहरसा में एक प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जिले के महिषी प्रखंड के माहहपुर गांव में पूर्व मुखिया इंद्रदेव सिंह की प्रतिमा की स्थापना की गई है। अन्य नेताओं के साथ आनंद मोहन ने इसका अनावरण किया।

आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की बर्बर हत्या कांड के आरोपी हैं। इस मामले में उन्हें पहले फांसी और फिर आजीवन कारावास की सजा दी गई । 1994 में मुजफ्फरपुर में एनएच 28 पर खबरा गांव के पास कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी। नीतीश और तेजस्वी की सरकार ने जेल कानून में बदलाव कर आनंद मोहन को रिहा कर दिया।
 

आनंद मोहन के जेल से छूटने के बाद बीजेपी नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है। पार्टी के कई नेता सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि आनंद मोहन की आड़ में सरकार ने अन्य दुर्दांत अपराधियों को क्यों छोड़ दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी बिहार सरकार को नोटिस दिया है कि किस परिस्थिति में आनंद मोहन को छोड़ा गया इस पर बिहार सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button