उमाशंकर और शंकर के फेर में उलझी पुलिस, धोखे में युवक को चार बार उठाया
युवक ने पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाकर कहा : हमें जग हंसाई से बचाओ
छतरपुर
विभिन्न मामलों को जल्द शार्ट आउट करने में पुलिस भी गफलत कर सकती है लेकिन यह गफलत एक युवक के गले की फांस बन गई है। पिता की वल्दियत में मामूली सा अंतर न समझकर पुलिस आनन फानन में युवक को बार-बार उठाकर थाने ले जाती है और जब वह अपने सारे प्रमाण पेश करता है तब उसे वापस भेज दिया जाता है। दरअसल, एक फरार वारंटी और युवक का न सिर्फ नाम एक सा है बल्कि दोनों के पिता के नाम में भी सिर्फ शंकर और उमाशंकर का अंतर है। इसी अंतर को न समझकर पुलिस एक बार नहीं बल्कि लगभग चार बार निरपराध युवक को उठाकर थाने ले गई। इतना ही नहीं एक बारगी तो उसे धारा 151 की कार्रवाई से भी दो चार होना पड़ा। मजबूरन युवक ने पुलिस के आला अधिकारियों को आवेदन देकर गुहार लगाई है कि उसे बार-बार पुलिस की जग हंसाई से बचाया जाए क्योंकि पुलिस उसके घर अक्सर पहुंच जाती है। मोहल्ले में भी उसकी बदनामी हो रही है।
फरार वारंटी के शक में युवक को धर लेती है पुलिस
मामला शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। शहर के देरी रोड स्थित वार्ड क्रमांक 37 की कृष्णा कालोनी में संतोष पुत्र उमाशंकर रैकवार अपने परिवार के साथ रहता है। देरी रोड पर ही रहने वाला कोई संतोष पुत्र शंकर रैकवार किसी मामले में फरार चल रहा है जिसका वारंट जारी किया गया है। उसे तलाशने के लिए सिविल लाइन थाना पुलिस देरी रोड पर पहुंचती है और फरार वारंटी संतोष पुत्र शंकर रैकवार की जगह कृष्णा कालोनी में रहने वाले संतोष पुत्र उमाशंकर रैकवार को उठाकर ले जाती है। गुजरे 20 अप्रैल को उसे पुलिस उठाकर थाने ले गई और जब उसने स्वयं और बल्दियत के सारे सबूत पेश किए तब उसकी वीडियोग्राफी कर उसे छोड़ दिया गया। आरोप है कि उसे लगभग चार घंटे तक थाने में बैठाए रखा गया।
इसके पहले भी उसे सिविल लाइन थाना पुलिस उठाकर ले गई थी और एक बार तो उस पर धारा 151 की कार्रवाई कर दी गई थी। मंगलवार को उसने पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर आवेदन दिया है।
ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता है युवक
देरी रोड की कृष्णा कालोनी में रहने वाला संतोष पुत्र उमाशंकर रैकवार ई-रिक्शा चलाकर अपने दो बच्चों और पत्नी का भरण पोषण करता है जबकि उसके पिता उमाशंकर रैकवार उत्तर प्रदेश के महोबा में होमगार्ड सैनिक हैं। बकौल संतोष, वह किसी भी आपराधिक गतिविधि से कोई ताल्लुक नहीं रखता लेकिन फरार वारंटी के शक में उसे हैरान किया जा रहा है। ऐसे में वह मानसिक रूप से परेशान है और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल हो रही है।
इनका कहना है –
पुलिस ने वारंटी के शक में युवक को कई बार पकड़ा है तो गलत है। मैं अभी सिविल लाइन थाना पुलिस को इस मामले में संवेदनशील रहने के लिए निर्देशित करता हूं।
अमित सांघी
पुलिस अधीक्षक, छतरपुर